नमस्कार दोस्तों में आज आपको cloud computing के बारे में जानकारी देने जा रहा हु. अपने कही बार टीवी और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सुना ही होगा पर वास्तव में cloud computing काम कैसे करता है. और cloud computing क्या है. बहोत लोगो को मालूम नहीं उसका इस्तेमाल और फायदे के बारे में आज आपको जानकारी दूंगा. आज के युग में इन्टरनेट के ज़माने बहोत technology का विकास हो रहा है. जमाना भी आगे बढ़ रहा है. और हमें वास्तव में इस ज़माने में रहना है तो हमें भी नए technology के बारे में जानकारी होनी चाहिए. IT सेक्टर में हाल ही चर्चा का विषय बना हु है. cloud computing का मुख्य काम IT सर्विसेज प्रदान करना होता है. और स्टोरेज सर्विसेज देना होता है. जिसे यूजर बहोत आसानी से IT सर्विसेज का इस्तेमाल कर सके.

Cloud Computing क्या है.

लोगो को लगता है. cloud यानि बादल उसके रिलेटेड cloud जैसा ही कुछ होगा मगर ऐसा नहीं होता है. यह एक ऐसी technology है. जिसे इंटरनेट के माध्यम से लोगो एक अच्छी सर्विसेज दी जाती है. इसमें खास की सॉफ्टवेर और स्टोरेज स्पेस इस तरह की सेवा लोगो दी जाती है. यह नयी technology से लोगो को काफी फायदा हुआ है. आपका डाटा secure रहता है. आपके पास जादा स्टोरेज नहीं मगर वह डाटा ऑनलाइन तरीके से स्टोर किये जाता है. और बहोत आसानी से आपको मिल भी सकता है. आप उसकी सेवा खरीदकर कही से अपना डाटा ऑनलाइन तरीके से आपको मिल सकता है. आप दुनिया में जहा चाहे वहा इंटरनेट की मदत से एक्सेस कर सकते है. और आपका काम आसानी से कर सकते है. cloud computing यह एक ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर है. यह एक प्राइवेट और पब्लिक नेटवर्क से जुड़ा हुआ होता है. इसका इस्तेमाल एप्लीकेशन डाटा और cloud स्टोरेज को प्रदान करने में किया जाता है. cloud computing के कारण कम्प्यूटेशन. एप्लीकेशन होस्टिंग, कंटेंट स्टोरेज डिलीवरी की लागत काफी कम हो जाती है. cloud computing का अनेक उदहारण है. YouTube इसमें से एक उदाहरण है. यह एक प्रसिद्ध विडियो शेरिंग प्लेटफार्म है. youtube पर लाखो लोग विडियो बनाकर अपलोड करते है. इसमें इतने सारे विडियो स्टोर करने के लिए cloud computing का इस्तेमाल किया जाता है. फेसबुक औरे ईमेल इनमे से ही उदाहरण है. वैसे वह इस सर्विस का इस्तेमाल करते है. आज के युग में अमेज़न और गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसे कही बढ़ी कंपनी यह सेवा प्रदान करती है. cloud computing इस तरहा काम करता है. की उसमे कंप्यूटर में एक विशेष सॉफ्टवेर इंस्टाल करना पड़ता है. यह सॉफ्टवेर एक से अधिक भी हो सकते है. यह मुख्य रूप से ड्यूल लेयर पर काम करता है. जहा सर्विसेज को मैनेज करने के लिए अलग अलग लेयर होती है. एक back end होती है. और दूसरी लेयर जिसे कस्टमर इस्तेमाल करते है. कस्टमर इस्तेमाल करते है उसे front end कहते है. फ्रंट एंड और back एंड इस्तेमाल करते है. उसे cloud computing कहा जाता है.
cloud computing के प्रकार

cloud computing में मुख्य रूप से कही सारे प्रकार होते है. जिसमे cloud computing में बहोत सारे मॉडल उपलब्ध है. प्राइवेट cloud , पब्लिक cloud, कम्युनिटी cloud, और हाइब्रिड cloud के मॉडल होते है.
1. पब्लिक cloud computing –

पब्लिक cloud computing की सर्विस हर व्यक्ति को उपलब्ध रहती है. इस प्रकार की सर्विस सामान्य जनता और बढे छोटे संघटनो को सेवा प्रदान करती है. यह सर्विसेज प्रोवाइडर से मैनेज की जाती है. यह सर्विसेज ज्यादा तर फ्री रहती है. और पेड रहती है तो भी इस सर्विसेज ज्यादा चार्ज नहीं किया जाता है. और आम लोगो को यह सर्विसेज का बहोत लाभ हो सकता है. इस सर्विसेज के बहोत सारे उदहारण हमारे सामने है. जैसे अमेज़न ( AWS ), माइक्रोसॉफ्ट की ( azure ) ये सभी पब्लिक सर्विसेस के उदहारण है.यह एक सार्वजनिक इंटरनेट का उपयोग करने वाले संघटनो के साथ यह साजा किया जाता है.
2. प्राइवेट cloud computing –

प्राइवेट cloud computing की सर्विस एक पूरी संस्था के लिए होती है. यह सर्विस एक प्राइवेट cloud स्टोर की जाती है. यह एक प्राइवेट होती इसलिए यह एक यूजर अपनी cloud स्टोरेज किसी को शेर नहीं कर सकते है. वह यूजर खुद ही इसका इस्तेमाल कर सकता है. जैसे की गूगल ड्राइव यह एक प्राइवेट computing का उदाहरण है. इसमें आपका प्राइवेट डाटा आप दुसरे व्यक्ति शेर नहीं कर सकते हो. इसमें आप अपना ड्राइव खुद ही इस्तेमाल कर सकते है. इसे संस्था और कंपनी के माध्यम से ओपरेटिंग की जा सकती है.
3. Community cloud computing –

Community cloud computing का उपयोग अलग अलग संस्था और संघटनो एक साथ cloud की सेवा का उपयोग किया जाता है. इसे कंपनी और संघटनो माध्यम से oprate किया जाता है. अगर कंपनी चाहे तो उसे दुसरे संस्था औरे कंपनी को संचालित करने के लिए दे सकते है. यह सिर्फ एक समूह के लिए उपलब्ध रहती है. इसके आलावा अन्य बाहरी इंसान इस डाटा को एक्सेस नहीं कर सकता है.
4. हाइब्रिड cloud computing –

हाइब्रिड cloud computing इस प्रकार का मॉडल प्राइवेट क्लाउड, पब्लिक क्लाउड, इन दोनों इसमे आप इस्तेमाल कर सकते है. आपको पता ही होगा. कुछ साईट पर आप उस साईट पर मेम्बर या अपनी उसे साईट को रजिस्टर किया है. बह डाटा आपको मिल सकता है. और कुछ साइड सार्वजिक होती है. साधारण व्यक्ति उस साइड से डाटा ले सकती है. उसे हाइब्रिड cloud कहते है.
Cloud Computing के फायदे
आपको इसमे ज्यादा स्टोरेज मिलता है. आप जितना चाहे उतना स्टोरेज बढ़ा सकते हो. और आपका डाटा cloud पर secure तरीके से सेव रहता जहा चाहे वह डाटा आपको मिल सकता है. आप जब चाहे कोई भी जगह से आपको डाटा secure तरीके से use कर सकते है. आप कहा से अभी अपना डाटा एक्सेस कर सकते हो. इसमें आपको सिर्फ हाई स्पीड इंटरनेट की जरुरत पड़ती है. और आप कही से एक्सेस मिल सकता है. इसमें आपको जितना चाहे उतना प्रोसेसिंग पॉवर मिलता है. और आपको लगता है आपको ज्यादा प्रोसेसिंग पॉवर चाहिए तो आप वह खरीद भी सकते हो. cloud computing की कीमत भी कम रहती है. आप अपने जरुरत के हिसाब से आप स्टोरेज स्पेस खरीद सकते है. आपको उतना प्लान सेलेक्ट करके पैसे चुकाने होंगे. और आपको हार्ड ड्राइव की जरुरत नहीं पड़ती जितना चाहे उतना स्टोरेज खरीद सकते हो. आज में आपको cloud computing जो जानकारी दी है. उसे आपको बहोत फायदा होगा. ऐसी आशा रखता हु. आशा करता हु यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा. मेरे पोस्ट के प्रति अपनी प्रसन्नता और उसुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को सोशल नेटवर्क पर शेर जरुर की जिए.